Translation by Sambit Kr. Pradhan :)
This is the awesome translation which our very own Sambit Kumar Pradhan did. Love it: वो माँ ... वो माँ, जिसने अपना बेटा मुल्क से मामूली मुद्दे पर लड़ते हुए खो दिया। खिड़की पे बैठे वो याद करती है अपने बेटे को, वो बच्चा, थका, पसीने में तर साँझ के खुशगवार खेलों की मुस्कान लिए भागा आता था रोज़ उसके पास। खिड़की पे बैठे वो याद करती है अपने बेटे को। वो मुल्क क्या है जिसके लिए वो मरा? क्या वही राष्ट्र-गान है जो वो स्कूल में गाता था, और उसके रौंगटे खड़े हो जाया करते थे? क्या वही मुल्क है ये, जिसके लिए वो मरा? वो मुल्क क्या है जिसके लिए वो मरा? अनजानों को मारना सीखा था उसने, सिर्फ इसलिए कि वो उसके मुल्क में घुसना चाहते थे। वो इस मुल्क के माइने कैसे बताए? वो कैसे इस मुल्क को अपना और उस अनजान को अपना दुशमन बताए? क्या वो उसे मारता अगर वो उसे सड़क किनारे किसी चाय वाले के यहाँ मिलता? कैसे मारता वो उसे, क्या उस अनजान की माँ नहीं होगी? और वो कौन सा मुल्क था, जिसके लिए वो मरा? उसे कहा गया लड़ने को, अनजान अनछुए इलाकों के लिए- हालत खुदकी उतनी ही बुरी जैसे दुश्मन की। वो फिर भी लड़ा उन से, स